श्रीरामशरणम् एक विशुद्ध अध्यात्मिक केंद्र है जहा महामंत्र परम तारक मंत्र राम नाम का आराधन होता है किसी प्रकार का जातिगत,ऊँच नीच,अमीर गरीब,बड़े-छोटे का भेदभाव नहीं, कोई आडम्बर नही,हरी को भजे सो हरी का होए, परमगुरु राम ही है श्री कृष्णवन्दे जगत गुरु,कोई दान दक्षिणा नहीं,कोई पंडित नहीं, आत्मा-परमात्मा के बीच कोई नहीं, जिन्हें वेदों में ॐ कहा है उन्हें ही स्वामी जी ने राम कहा है
Read Moreपरम पूजनीय प्रातः स्मरणीय श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज १९वीं सदी के एक शांत, दान्त, सिद्ध उच्च कोटि के महान संत थे.
श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज के अध्यात्मिक उत्तराधिकारी परम भक्त एवं विनम्र सेवक पूजनीय श्री प्रेम जी महाराज बने.
परम पूजनीय श्री महाराज जी ने २० जुलाई १९९७ (गुरुपूर्णिमा) के पुण्य पर्व पर भगवा चोला धारण किया था (जन्म-१५ मार्च सन् १९४०).
स्थान | पुरुष | महिला | टोटल |
बाग(धार) | 3570 | 1703 | 5273 |
बोलासा(सेमरोड़) | 1419 | 772 | 2191 |
कल्याणपुरा(झबुआ) | 5590 | 3482 | 9072 |
कुशलगढ़ | 962 | 719 | 1681 |
कूपडा(राजस्थान) | 1246 | 2060 | 3306 |
दाहोद(गुजरात) | 1258 | 1021 | 2279 |
झाबुआ | 2186 | 2108 | 4294 |
रतलाम | 755 | 1121 | 1876 |
रायपुरिया | 969 | 901 | 1870 |
पारा | 2290 | 1486 | 3776 |
उमरकोट | 1852 | 1443 | 3295 |
योग | 22097 | 16816 | 38913 |